पत्राचार केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सभी मंत्रालयों एवं विभागों आयोग, स्वशासी संस्थाओं, निकायों तथा प्राधिकरणों में होने वाली सरकारी कामकाज का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष होता है। Hindi patra lekhan format विशिष्ट होता है।
पत्राचार का सामान्य परिचय General Introduction of Correspondence:
पत्र व्यवहार ऐसा साधन है, जो दूरस्थ व्यक्तियों की भावना को एक निश्चित स्थान पर लाता है और दोनों में व्यावसायिक संबंध बनाता है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के कार्यालय में पत्राचार के कई रूप एवं प्रारूप हैं, जो अलग-अलग संदर्भ में एवं विषयों के आधार पर भिन्न-भिन्न होते हैं।
कार्यालय पत्राचार के अंतर्गत प्रारूपण Drafting, आवेदन पत्र Application, सरकारी पत्र Official Letter, अर्ध-सरकारी पत्र Demi-Official Letter, कार्यालय आदेश Office order, परिपत्र Circular, अधिसूचना Notifications, कार्यालय ज्ञापन Official Memorandum, विज्ञापन Advertising, निविदा Tender, संकल्प Resolution तथा प्रेस/विज्ञप्ति Press note/ Communique आदि को सम्मिलित किया जाता है।
प्रभावशाली पत्र अथवा पत्राचार की विशेषताएँ: Features of effective letter or correspondence:
पत्र लेखन एक विशिष्ट कला है। पत्र लेखन की विशेषताओं के अंतर्गत सरलता, संक्षिप्तता, क्रमबद्धता, स्पष्टता, प्रभावपूर्ण शैली तथा उद्देश्यपूर्णता को सम्मिलित किया जाता है।
सरलता: Simplicity
सरलता आदर्श पत्र लेखन की एक प्रमुख विशेषता है। सरकारी पत्राचारसरकारी पत्राचार में कठिन शब्द अथवा अनेक अर्थ प्रदान करने वाले शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पत्र द्वारा कही जाने वाली बातों व तथ्यों को सीधे ढंग एवं स्पष्ट रूप से कहा जाना चाहिए। कार्यालय पत्राचार में अपने पांडित्य का प्रदर्शन करना उचित नहीं होता है। अर्थात पत्र में उलझव नहीं होना चाहिए बल्कि सहज, स्वाभाविक रूप में पत्र लिखा जाना चाहिए।
संक्षिप्तता: Short
सरकारी पत्र अथवा पत्राचार में अपने भावों को एवं विचारों को संक्षिप्त रूप में अभिव्यक्त करना चाहिए। “संक्षिप्तता से प्रेषक तथा प्रेषित दोनों को ही सुविधा होती है।”1 पत्र में अनावश्यक रूप से विस्तार अथवा अनावश्यक बातों को नहीं लिखना चाहिए। पत्र में एक ही बात की पुनरावृत्ति न हो इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
क्रमबद्धता: Serialisation
पत्र लेखन अथवा पत्राचार में क्रमाबद्धता का ध्यान रखा जाना अति आवश्यक है क्योंकि कार्यालय व्यवहार में यह महत्वपूर्ण बिंदु है। जो बात अथवा बिंदु को पहले स्थान पर रखा जाना चाहिए, उसको पहले स्थान पर ही रखा जाए और सारे बिंदुओं को उनके महत्व के अनुसार क्रमबद्ध तरीके से लिखा जाना चाहिए। क्रमबद्धता की विशेषता से पत्राचार में सुविधाजनक संप्रेषण होता है।
स्पष्टता: Clarity
पत्र लेखन अथवा पत्राचार में सरलता एवं स्पष्टता महत्वपूर्ण बिंदु होता है। पत्र की भाषा सरल व स्पष्ट होनी चाहिए। “पत्र में लंबे वाक्य विन्यास तथा अत्यंत कठिन शब्दों का कभी भी उपयोग नहीं किया जाना चाहिए वरना पत्र पढ़ते समय पाठक को असुविधा हो सकती है।”2 पत्र लेखन की भाषा में स्पष्टता का गुण न होने पर पत्र पढ़ने वाला पत्र लेखन के भावों को समझ नहीं पता है। अतः पत्र लिखते समय प्रचलित शब्दों एवं सरल वाक्यों का प्रयोग किया जाना चाहिए। कठिन भाषा से पत्र नीरस हो जाता है।
प्रभावपूर्ण शैली: Effective Style
पत्र लेखन की भाषा शैली प्रभाव पूर्ण होनी चाहिए, जिससे पाठक, पत्र लेखन के भावों को सरलता से समझ सके। पत्र की भाषा मौलिक होनी चाहिए। “शासकीय पत्र में भाषा, पद विन्यास, वाक्य विन्यास, विचार तथा भावों की ऐसी सुगठित अन्विति होनी चाहिए जिससे पत्र का एक संकलित प्रभाव प्रेषिति के मन पर पड़ सके।”3 कार्यालय पत्राचार में अनावश्यक शब्दों एवं भाषा का प्रयोग करके कभी भी आकर्षक पत्र नहीं लिखा जा सकता।
उद्देश्यपूर्ण: Purposeful
कार्यालय पत्राचार में पत्र इस प्रकार लिखा जाना चाहिए, जिससे पाठक की हर जिज्ञासा शांत हो जाए। किसी महत्वपूर्ण उद्देश्य को लेकर ही लिखा जाना चाहिए। पत्रों में जिन बातों अथवा बिंदुओं का उल्लेख किया जाना निश्चित है, उन्हें बिंदुओं को क्रमबद्ध तरीके से उल्लेखित किया जाना चाहिए। पत्र लेखन पूरा होने के पश्चात उसे एक बार अंत में पुनः पढ़ लेना चाहिए।
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निजी जीवन से लेकर व्यापार को बढ़ाने अथवा किसी कार्यालय संस्थानों में परस्पर संपर्क का साधन पत्र ही है। पत्र की इन सभी उपयोगिताओं को देखते हुए पत्रों को मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित किया जाता है, जो निम्नलिखित हैं।
अनौपचारिक पत्र (कार्यालय पत्राचार में अनौपचारिक पत्र व्यवहार नहीं होते हैं)
औपचारिक पत्राचार: Formal Correspondences
औपचारिक पत्राचार के अंतर्गत सरकारी पत्र Official Letter अर्ध सरकारी पत्र Demi Official Lette, कार्यालय ज्ञापन Official memorandum, कार्यालय आदेश Office order, अधिसूचना Notifications प्रेस नोट विज्ञप्ति press note communique आदि को सम्मिलित किया जाता है।
औपचारिक पत्राचार प्रधानाचार्य, पदाधिकारी, व्यापारियों, ग्राहक, पुस्तक विक्रेता, संपादक, सरकार के विभिन्न मंत्रालय तथा विभिन्न संस्थाओं के कार्यालयी कार्य को करने हेतु प्रयोग किया जाता है। औपचारिक पत्र उन लोगों को लिखे जाते हैं, जिसे हमारा निजी या पारिवारिक संबंध नहीं होता है। इसमें शालीन भाषा तथा शिष्ट शैली का प्रयोग किया जाता है।
औपचारिक पत्र का सामान्य प्रारूप: General format of formal letter: Hindi patra lekhan format
- प्रेषक Sender, पत्र भेजने वाले का नाम और पता। पृष्ठ के बाएँ तरफ लिखा जाता है।
- दिनांक/तिथि प्रेषक के पत्ते के ठीक नीचे जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है, उसी दिन की दिनांक लिखी जाती है।
- प्रेषिती Refers to पत्र प्राप्त करने वाले का नाम अथवा पद और पता, दिनांक के ठीक नीचे लिखा जाता है। जिसे पत्र लिखा जा रहा है, उसका पद, पता आदि का उल्लेख किया जाता है
- विषय: जिस संदर्भ में पत्र लिखा जा रहा है, उसे संक्षिप्त में विषय के रूप में लिखा जाता है
- संबोधन: सभी औपचारिकताओं के बाद पत्र प्राप्त कर्ता के लिए महोदय, महोदया, मान्यवर आदि संबोधन के रूप में लिखा जाता है।
- विषय वस्तु: संबोधन के पश्चात पत्र की मूल विषय वस्तु को लिखा जाता है। विषय वस्तु में प्रत्येक बात के लिए अलग-अलग परिच्छेदों अथवा अनुच्छेदों का क्रमबद्ध प्रयोग किया जाता है।
- अभिवादन के साथ समाप्ति: पत्र की समाप्ति पर पत्र प्राप्तकर्ता का अभिवादन किया जाता है। जैसे कि धन्यवाद।
- स्वनिर्देश/अभिनिवेदन: पत्र के अंत में पत्र लिखने वाले का नाम अथवा पद आदि का उल्लेख किया जाता है। यह पत्र के दाएँ ओर नीचे लिखा जाता है। जैसे भवदीय तथा हस्ताक्षर भी किए जाते हैं।
सरकारी पत्र: Government Letter
औपचारिक पत्राचार में अथवा सरकारी पत्राचार में सबसे अधिक मात्रा में सरकारी पत्र का प्रयोग होता है।
सरकारी पत्र की परिभाषाएँ: Definitions of Government Letter
- निरंजन सहाय के अनुसार “सरकारी पत्रों का प्रयोग विभिन्न कार्यालय, संस्थाओं, निकायों, निगमों, सार्वजनिक उद्यमों, बैंकों, बीमा कंपनियों आदि के बीच आपसी पत्राचार के लिए होता है।”4
- डॉ. कृष्ण कुमार गोस्वामी के अनुसार “सरकारी पत्र का प्रयोग राज्य सरकारों, विदेशी सरकारों, संलग्न तथा अधीनस्थ कार्यालयों, सार्वजनिक संस्थाओं तथा उपक्रमों और जनता के साथ औपचारिक पत्र व्यवहार के रूप में होता है।”5
परिभाषाओं का सार: Gist of definitions
सरकारी पत्र उसे कहते हैं, जो सरकार के कामकाज से संबंधित होते हैं। इनका प्रयोग सरकारी विभागों, कार्यायलयों द्वारा किया जाता है। सरकार के कामकाज के संबंध में विभिन्न तरह के पत्राचार किए जाते हैं। इस प्रक्रिया में सर्वाधिक रूप से प्रयोग सरकारी पत्रों का ही होता है। सरकारी पत्रचार का एक निश्चित प्रारूप और रचना शैली होती है।
सरकारी पत्र की विशेषताएँ: Features of Government Letter
- सरकारी पत्र पूरी तरह से औपचारिक होते हैं। इनमें व्यक्तिगत परिचय अथवा पहचान की झलक नहीं होती है।
- सरकारी पत्र संक्षिप्त और संतुलित होते हैं। इनमें कम से कम शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
- सरकारी पत्रों में राजभाषा की शब्दावली का प्रयोग होता है।
- सरकारी पत्र हमेशा अन्य पुरुष में लिखे जाते हैं। जैसे मैं अथवा हम सर्वनाम का प्रयोग इनमें नहीं किया जाता है। सरकारी पत्र का प्रारंभ इस तरह होता है जैसे ‘मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है अथवा मुझे यह कहने का आदेश हुआ है कि’ आदि।
- सरकारी पत्रों में एक आदेश अथवा सूचना एक ही परिच्छेद में लिखा जाता है। यदि दूसरी बात कहीं जा रही है, तो दूसरे परिच्छेद को अंक दो की संख्या डालकर लिखा जाता है।
सरकारी पत्र का उदाहरण: Example of Government Letter
प्रेषक, पत्र संख्या- 01/वित्त/2023- 24
क ख ग
सचिव, वित्त विभाग,
नई दिल्ली।
दिनांक: 30 जून 2023
सेवा में,
शिक्षा निदेशक
नई दिल्ली।
विषय: मान्यता प्राप्त शिक्षा संस्थानों के अनुदान में वृद्धि के संदर्भ में।
महोदय,
“उपर्युक्त विषय पर आपके पत्र संख्या….. दिनांक….. के संदर्भ में मुझे आपसे यह कहने का निर्देश हुआ है कि शासन में मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के अनुदान में वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है। अतएव देश के विभिन्न मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों की सूची, उन्हें अभी तक दिया जाने वाला अनुदान, व उसमें की जाने वाली प्रस्तावित वृद्धि इस मंत्रालय को शीघ्र भेजने की कृपा करें ताकि अनुदान वृद्धि की धनराशि निश्चित कर अंतिम निर्णय लिया जा सके।”6
धन्यवाद..
भवदीय
हस्ताक्षर
क ख ग
सचिव, भारत सरकार
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व्यावसायिक पत्र: Commercial Letters
व्यावसायिक पत्र अनेक प्रकार के होते हैं किंतु आवश्यकता के अनुसार इन्हें निम्न वर्गों में रखा जा सकता है।
व्यावसायिक पत्रों के प्रकार: Types of Commercial Letters
- पूछताछ संबंधी तथा व्यापारिक प्रस्ताव पत्र Letter of enquiry
- माल का आदेश संबंधी तथा व्यापारिक प्रस्ताव पत्र Letters regarding orders and quotation offers
- आदेश तथा संदर्भ पत्र Latter off orders and reference
- शिकायती पत्र Letter of complaints
- वसूली तथा भुगतान संबंधी पत्र Latter off collection and payment
- साख पत्र Letter of credit
- अभिकरण संबंधी पत्र Letter regarding Agency
- बैंक पत्र Letter regarding Bank
- बीमा संबंधी पत्र Letter regarding insurance Company
- नौकरी संबंधी पत्र Letter regarding employment
व्यावसायिक पत्र का स्वरूप: Format of business Letter
दूरभाष/फोन नंबर..
- प्रेषक प्रतिष्ठा का नाम
- दिनांक:…………
- पत्र संख्या……….
- सेवा में, पत्र प्राप्तकर्ता का नाम और पता
- संबोधन:
- विषय: ……….
- संदर्भ:…………
- पत्र का विषय विवरण: …………….
- अभिवादन: …………
कृते प्रतिष्ठा का नाम
हस्ताक्षर
पद
- संलग्न: ……….
- पुनश्च:……….
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आदेश पत्र का उदाहरण: Example of order Letter
अनिल पुस्तक केंद्र
(पुस्तक प्रकाशक तथा विक्रेता)
61, गोल्डन प्लाजा
एवेन्यू रोड, बेंगलुरु-2
दिनांक:
पत्र संख्या: 523/98
सेवा में,
प्रकाशक Publisher
आनंद प्रकाशन, नई दिल्ली।
महोदय,
विषय: माल मंगवाने हेतु आदेश पत्र।
कृपया निम्न पुस्तकें रेलवे द्वारा 15 जुलाई तक भिजवा दे और रेलवे रसीद (आर/आर) स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर, एवेन्यू रोड शाखा द्वारा भिजवाने का कष्ट करेंगे।
- आदर्श निबंध 150 प्रतियाँ
- केंद्र और परिधि 300 प्रतियाँ
- सुबोध व्यावहारिक हिंदी 300 प्रतियाँ
आपसे अनुरोध है कि उक्त पुस्तकें शीघ्र भेजने का कष्ट करें ताकि पुस्तक सही समय पर वितरित की जा सकें।
धन्यवाद,
भवदीय
कृते अनिल पुस्तक केंद्र
हस्ताक्षर
व्यवस्थापक
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शिकायती पत्र: Letter of Complaint
व्यापार करते समय कभी न कभी ऐसे भी अवसर आते हैं, जब किसी न किसी संस्था को शिकायत करने की स्थिति उत्पन्न होती है। इन शिकायती पत्रों के विभिन्न कारण हो सकते हैं।
शिकायती पत्र लिखने के कारण: Reasons for writing a complaint Letter
- माल का ठीक समय पर न मिलना।
- बिल आदेश के अनुसार न होना।
- घटिया माल प्राप्त होना।
- माल संवेष्टन (Packing) तैयार करने में असावधानी बरतना।
- मार्ग में माल की हानि होना।
- रेल अथवा डाक विभाग के कर्मचारियों की असावधानी से माल की हानि अथवा चोरी होना।
शिकायती पत्र के दो प्रकार होते हैं:
- एक व्यापारी द्वारा दूसरे व्यापारी अथवा संस्था को लिखा गया पत्र।
- व्यावसायिक संस्था प्रतिष्ठान द्वारा रेलवे या डाक विभाग को लिखा गया पत्र।
शिकायती पत्र लिखते समय यह देखना अनिवार्य हो जाता है कि माल का आदेश किन परिस्थितियों में भिजवाया गया था। शिकायती पत्र तभी लिखा जाना चाहिए, जब व्यापारी के पास शिकायत करने के पर्याप्त कारण हों।
शिकायती पत्र का उदाहरण: Example of Complaint Letter
श्री राधा कृष्ण टैक्सटाइल
(रेशमी वस्त्र विक्रेता)
चिकपेट बेंगलुरू-2
दिनांक:…………..
पत्र संख्या 22/18
सेवा में,
प्रबंधक,
राधा टैक्सटाइल्स,
77, गांधीनगर, अहमदाबाद।
महोदय,
विषय: माल भेजने में देरी।
हमने गत 3 जून को साड़ियाँ और रेशमी वस्त्रों का आदेश भिजवाया था और हमने अनुरोध किया था कि माल 15 दिनों के अंदर भिजवा दें। आपने भी माल भेजने का आश्वासन दिया था। खेद के साथ हमें लिखना पड़ रहा है कि हमारे आदेश का माल अभी तक नहीं मिला है। माल न मिलने के कारण हमें हानि उठानी पड़ रही है।
हो सकता है, किसी कारणवश आपने हमारे आदेश का माल नहीं भिजवाया है। आपसे अनुरोध है कि पत्र प्राप्त होते ही शीघ्र माल भिजवाने की कृपा करें।
धन्यवाद,
भवदीय
कृते राधा कृष्ण टैक्सटाइल्स
हस्ताक्षर
व्यवस्थापक
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बैंक संबंधी पत्र: Letter Regarding Bank
बैंक के प्रमुखतः तीन कार्य होते हैं:
- ग्राहक से जमा राशि प्राप्त करना।
- जमा किए गए धन का भुगतान करना।
- विभिन्न प्रतिभूतियों के आधार पर ऋण देना।
इन मुख्य कार्यों से संबंधित सभी बैंक प्रतिदिन लेनदेन में रोजमर्रा के कार्य करते हैं। इन कार्यों को पत्र व्यवहार के माध्यम से पूरा किया जाता है। विशिष्ट प्रकार के कार्य हेतु एवं व्यवस्था संचालन हेतु और विशिष्ट प्रकार के उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु पत्र भी विशिष्ट प्रकार के होते हैं।
बैंक द्वारा लिखे जाने वाले पत्र सहज, सरल, बोधगम्य और सहयोगपूर्ण होते हैं, जिससे ग्राहकों का बैंकों पर विश्वास सदृढ होता है। अतः इन पत्रों के संबंध में निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान में रखना आवश्यक होता है।
- पत्र न तो बहुत ही औपचारिक होने चाहिए और न ही बहुत आत्मीयता से लिखे हुए निजी पत्र के समान होने चाहिए।
- पत्र संक्षिप्त में होने चाहिए।
- पत्रों की भाषा सरल स्पष्ट और ग्राहकों को समझ में आने वाली होनी चाहिए।
- संदिग्ध अर्थ वाले और कठिन शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- अशुद्ध भाषा का प्रयोग अथवा वर्तनी संबंधी गलतियाँ नहीं होनी चाहिए।
- बैंक संबंधी अथवा ग्राहक संबंधी गोपनीयता का भी ध्यान रखना आवश्यक होता है।
- पत्र व्यवहार करते समय ग्राहकों की साख पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
- बैंक संबंधी अच्छे पत्र के चार प्रधान तत्व होते हैं। स्पष्टता Clarity, सौहार्द Courtesy, चातुर्य Tactful और प्रभावी शैली Effective Style.
अतः कहना न होगा कि पत्राचार की शैली का ग्राहकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार स्पष्ट, परिपूर्ण, संक्षिप्त, चातुर्य पूर्ण, सुंदर शैली से युक्त पत्र अच्छा समझा जाता है, जिससे ग्राहक संतुष्ट एवं प्रसन्न होते हैं।
बैंक संबंधी पत्राचार में बैंकों के आपसी पत्र व्यवहार भी होते हैं। अतः हम बैंक संबंधी उन पत्रों पर विचार करेंगे जिन पत्रों से बैंक एवं ग्राहकों के बीच संबंध स्थापित होते हैं।
मुख्यतः इस प्रकार के पात्रों को चार श्रेणियों में विभक्त किया जाता है।
- रोकड़ Cash संबंधी ग्राहकों और बैंकों के बीच होने वाला पत्र व्यवहार। Deposit
- विनिमय बिलोकन संबंधी पत्र व्यवहार Bills
- स्टॉक और शेयर से संबंधी पत्र व्यवहार Stocks and Shares
- खातों से संबंधित पत्र व्यवहार Accounts
बैंक चालू खाता Current Account खोलने हेतु पत्र:
अंजना वस्त्र भंडार
एवेन्यू रोड बेंगलुरु
दिनांक:………….
पत्र संख्या: 175/05/24
सेवा में,
शाखा प्रबंधक,
मैसूर बैंक, चिक्कपेट शाखा
बेंगलुरु।
महोदय,
विषय: बैंक चालू खाता Current Account खोलने हेतु।
हमें यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने चिकपेट में एक फुटकर बिक्री की दुकान खोली है। इस दुकान के लिए आपके बैंक में एक चालू खाता खोलना चाहते हैं।
आपसे प्रार्थना है कि इस पत्र के संदेशवाहक श्री राम के द्वारा आपके बैंक में चालू खाता खोलने से संबंधित आवश्यक पत्र भिजवाने का कष्ट करें।
धन्यवाद,
भवदीय
कृते अंजना वस्त्र भंडार
हस्ताक्षर
क ख ग
व्यवस्थापक
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चेक का भुगतान रोकने हेतु पत्र: Letter to stop payment of cheque
अनिल पुस्तक केंद्र
(प्रकाशक और पुस्तक विक्रेता)
61 गोल्डन प्लाजा
एवेन्यू रोड, बेंगलुरु-2
दिनांक:………..
पत्र संख्या: 35/24
सेवा में,
शाखा प्रबंधक,
स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर,
एवेन्यू रोड, शाखा बेंगलुरु-2
महोदय,
विषय: चेक का भुगतान रोकने हेतु।
हमारी संस्था की ओर से 1,550 रुपए का वाहक चेक (Bearer Cheque) संख्या 175223 दिनांक 20/04/24, श्री मोहनलाल शर्मा को दिया गया था। उन्होंने सूचना दी है कि यह चेक खो गया है।
कृपया उक्त चेक का भुगतान न करें।
धन्यवाद,
भवदीय
कृते अनिल पुस्तक केंद्र
हस्ताक्षर
व्यवस्थापक
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बीमा संबंधी पत्र Letters Regarding insurance Company
आग दुर्घटना बीमा संबंधी पूछताछ Fire Accident Insurance Inquiries
प्रकाश सिल्क सेंटर
(आधुनिक सिल्क साड़ियों के विक्रेता)
323 के. जी. रोड़
बेंगलुरु
दिनांक:………….
पत्र संख्या: 52/3/24
सेवा में,
शाखा प्रबंधक,
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी,
एमजी रोड बेंगलुरु-1
महोदय,
विषय: आग दुर्घटना बीमा संबंधी पूछताछ हेतु।
हम अपने प्रतिष्ठान का आग दुर्घटना संबंधी बीमा करवाना चाहते हैं। आपसे अनुरोध है कि हमें अपनी बीमा की दरों की सूची भेजने का कष्ट करें, साथ ही अपना प्रतिनिधि भेजें, जिसे हम अपने प्रश्नों का समाधान कर सकें।
धन्यवाद,
भावदीय
कृते प्रकाश सिल्क सेंटर
हस्ताक्षर
क ख ग
व्यवस्थापक
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आग दुर्घटना की क्षतिपूर्ति के लिए पत्र: Letter for compensation for fire accident
प्रकाश इलेक्ट्रिकल्स
(विद्युत उपकरणों का विक्रेता)
21 एमजी रोड बेंगलुरु-1
दिनांक:……………
पत्र संख्या: 311/3/24
सेवा में,
शाखा प्रबंधक,
यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी
महात्मा गांधी रोड बेंगलुरु-1
महोदय,
विषय: आग दुर्घटना के कारण क्षतिपूर्ति हेतु।
आपको सूचित करते हुए अत्यंत खेद हो रहा है कि कल शाम हमारे प्रतिष्ठान में आग लग जाने से लगभग 14 लाख का माल जलकर नष्ट हो गया है। इसकी सूचना तत्काल हमने दमकल विभाग (Fire Brigade), अग्नि बीमा विभाग और पुलिस को दी। उन्होंने समय पर आकर यथासंभव सहायता की है। उनकी रिपोर्ट भी पॉलिसी संख्या 325673 के साथ भिजवा रहे हैं।
आपसे अनुरोध है कि अपने प्रतिनिधि को भेज कर निरीक्षण करायें और क्षतिपूर्ति शीघ्र पूरी करने का कष्ट करें।
धन्यवाद,
भवदीय
कृते प्रकाश इलेक्ट्रिकल्स
हस्ताक्षर
व्यवस्थापक
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आवेदन पत्र Letter Regarding Employment
प्रेषक,
क ख ग
13/3 इंदिरा नगर
बेंगलुरु।
दिनांक:
सेवा में,
प्रबंधक,
सर्वश्री मोहन एंड संस,
राजाजीनगर, बेंगलुरु
महोदय,
विषय: नौकरी के लिए आवेदन पत्र।
संदर्भ: दैनिक पत्र ‘द हिंदू’ दिनांक 25 जनवरी 2024 का विज्ञापन।
मैं अपना आवेदन पत्र आपकी सेवा में रिक्त पद के लिए भेज रहा हूँ। मैंने बेंगलुरु विश्वविद्यालय से सन 2015 में बीएससी परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की है। गत वर्षों से बिलासपुर कंपनी के विक्रय प्रतिनिधि का कार्य कर रहा हूँ। कर्नाटक राज्य के मुख्य नगरों के प्रतिष्ठानों से मेरा काफी परिचय है।
आशा है, आप मुझे इस पद के लिए उपयुक्त समझेंगे।
धन्यवाद,
भवदीय
हस्ताक्षर
क ख ग
संलग्न:
- प्रमाण पत्र की प्रति।
- कार्य अनुभव की प्रति।
इस प्रकार सरकारी कार्यालयों एवं किसी संस्था में पत्राचार का व्यवहार होता है। आशा है यह आलेख पत्राचार और पत्र लेखन संबंधी आपकी जिज्ञासाओं पर खरा उतरेगा।
नोट: पत्रों के उदाहरण व्याकरण कलश पुस्तक से लिए गए हैं। साभार…
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संदर्भ सूची:
- निरंजन सहाय, कार्यालय हिंदी और कंप्यूटर अनुप्रयोग, लोक भारती प्रकाशन प्रथम संस्करण 2022 पृष्ठ संख्या-179
- निरंजन सहाय, कार्यालय हिंदी और कंप्यूटर अनुप्रयोग, लोक भारती प्रकाशन प्रथम संस्करण 2022 पृष्ठ संख्या-179
- निरंजन सहाय, कार्यालय हिंदी और कंप्यूटर अनुप्रयोग, लोक भारती प्रकाशन प्रथम संस्करण 2022 पृष्ठ संख्या-179
- निरंजन सहाय, कार्यालय हिंदी और कंप्यूटर अनुप्रयोग, लोक भारती प्रकाशन प्रथम संस्करण 2022 पृष्ठ संख्या-182
- डॉ. कृष्ण कुमार गोस्वामी, सरकारी पत्राचार: स्वरूप और प्रकार, पृष्ठ-92
- निरंजन सहाय, कार्यालय हिंदी और कंप्यूटर अनुप्रयोग, लोक भारती प्रकाशन प्रथम संस्करण 2022 पृष्ठ-183
अन्य सहायक पुस्तक:
- सं. डॉ. कमल हरनाल, व्याकरण कलश, संपदा पब्लिकेशन, प्र.सं. 2019