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Hindi Patra Lekhan format कार्यालयी हिंदी में पत्राचार Official Correspondence in Hindi

Hindi patra lekhan format

पत्राचार केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सभी मंत्रालयों एवं विभागों आयोग, स्वशासी संस्थाओं, निकायों तथा प्राधिकरणों में होने वाली सरकारी कामकाज का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष होता है। Hindi patra lekhan format विशिष्ट होता है। पत्राचार का सामान्य परिचय General Introduction of Correspondence:  पत्र व्यवहार ऐसा साधन है, जो दूरस्थ व्यक्तियों की भावना को एक … Read more

Prayojanmulak Hindi प्रयोजनमूलक हिन्दी Functional Hindi

Prayojanmulak Hindi

प्रयोजनमूलक हिंदी prayojanmulak Hindi एक ऐसी भाषा है, जिसका प्रयोग समाज में अपने सामाजिक व्यवहार में विशिष्ट उद्देश्य और जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए तथा विशिष्ट लक्ष्य प्राप्ति करने हेतु एक विशिष्ट वर्ग द्वारा (शिक्षित वर्ग जो भाषा का जानकारी हो) विशिष्ट रूप (भाषा का वैज्ञानिक रूप) में किया जाता है।  प्रयोजनमूलक … Read more

शोध-आलेख लेखन Shodh Aalekh Lekhan

Shodh Aalekh Lekhan, शोध आलेख लेखन

1. शोध-आलेख लेखन का परिचय: Research Paper Writing  मनुष्य प्राचीन काल से ही कुछ न कुछ खोजने का प्रयास करता रहा है। मनुष्य की इसी खोज को अनुसंधान, खोज, अन्वेषण तथा शोध आदि कहा जाता है। शोध के अंतर्गत किसी विद्यमान सत्य को पुनः स्थापित किया जाता है अथवा उसे फिर से नए रूप में … Read more

Hindi Kavita Sada Chandani बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ द्वारा रचित कविता ‘सदा चाँदनी’ व्याख्या सहित

कवि बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ स्वतंत्रता सेनानी थे। वे गांधी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया था और अन्य स्वतंत्रता से संबंधित गतिविधियों में वे सक्रिय रूप से भाग लेते थे। स्वाधीनता आंदोलन में उनकी सक्रियता के कारण कवि को जेल में डाल दिया जाता है। तब कवि कारावास में अपनी यह कविता ‘सदा चाँदनी’ लिखते … Read more

Hindi Kavita कुँवर नारायण द्वारा रचित ‘पगडण्डी’ एक रहस्यवादी कविता है।

Hindi Kavita कुँवर नारायण की यह कविता ‘पगडंडी’ अज्ञेय के संपादन में प्रकाशित ‘तीसरा सप्तक’ के दौर की है।‘तीसरा सप्तक’ की रहस्यवादी प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए यदि हम इस कविता को समझने का प्रयास करते हैं, तब यह कविता हमें एक आदर्श रहस्यवाद की ओर ले जाती है।  Hindi Kavita पगडण्डी स्वयं का … Read more

Rashmirathi रश्मिरथी खंडकाव्य का द्वितीय सर्ग भावार्थ सहित

Rashmirathi द्वितीय सर्ग भाग एक शीतल, विरल एक कानन शोभित अधित्यका के ऊपर, कहीं उत्स-प्रस्त्रवण चमकते, झरते कहीं शुभ निर्झर। जहाँ भूमि समतल, सुन्दर है, नहीं दीखते है पाहन, हरियाली के बीच खड़ा है, विस्तृत एक उटज पावन। Rashmirathi कठिन शब्द:  शीतल (उत्तेजनाहीन) Cool, विरल Rare, कानन forest, अधित्यका, Mountain, उत्स-प्रस्त्रवण (जलधारा) water stream, निर्झर … Read more

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